बैतूल में एक हफ्ते में दूसरी बार किसान ने आत्महत्या करनी चाही
बैतूल, 29 सितंबर 2015।
बैतूल में फसल बर्बाद होने से परेशान किसान ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की है। किसान को गंभीर हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया है।
बैतूल में एक सप्ताह के भीतर दूसरे किसान ने फसल बर्बाद होने पर आत्महत्या करने की कोशिश की है। इस बार आठनेर ब्लॉक के अक्कलवाड़ी के किसान ताराचंद झाड़े ने कीटनाशक दवाई पी ली।
ताराचंद ने परिवार में किसी को भी इसकी भनक नहीं लगने दी। कीटनाशक के सेवन से तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए। वहां खुलासा हुआ कि ताराचंद ने कीटनाशक दवाई पीकर खुदकुशी की कोशिश की है।
ताराचंद के बेटे संदीप ने बताया कि पिता पर साढ़े चार लाख रुपए का कर्ज था। इसी परेशानी में उन्होंने यह कदम उठाया।
ताराचंद के दूसरे अन्य बेटे ज्यातिष के मुताबिक उनकी 8 एकड़ जमीन पर बोई सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। फसल के लिए पिता ने बैंक से कर्ज लिया था। फसल बर्बाद होने के कारण वे कर्ज नहीं चुका पा रहे थे, जिसे लेकर वे काफी तनाव में थे। ताराचंद इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत नाजुक है।
जिले के भीमपुर ब्लाक के गांव झाकक में सतीश करामा कोरबू नामक किसान ने खेत से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से फंदा लगा कर 23 सितंबर को आत्महत्या की थी। परिजनों के अनुसार सतीश की गांव में 20 एकड़ जमीन है, जिसमें उसने फसल लगाई थी। इसके बाद वो गांव बाहर मजदूरी करने चला गया।
इस बीच बैतूल जिले में हुई तेज बारिश में उसकी फसल बरबाद हो गई। पिछले दिनों सतीश वापस गांव लौटा और फसल देखी तो सदमें में आ गया। खेती के लिए सतीश ने बैंक से डेढ़ लाख रुपए कर्ज लिया था। फसल बरबाद होने के बाद कर्ज चुकाना नामुमकिन हो गया। इसके कारण वो तनाव में आ गया था।
Courtesy: Attack News, Ujjain