नकली नोट 1 : पाकिस्तान ने छाप दिए दो हजार से 50 रुपए तक के नोट
पाक का नापाक इरादा : नकली करंसी बनी हथियार – भाग 1
विवेक अग्रवाल।
मुंबई, 27 फरवरी 2017।
पाकिस्तान की खुफिया एजंसी आईएसआई ने भारत की नई 2000 रुपए वाली करंसी की नकल न केवल तैयार कर दी है बल्कि भारत भेजने की कवायद भी शुरू कर दी है। इसका भंडाफोड़ भी होना शुरू हो गया है। पिछले 45 दिनों में भारतीय सीमा में बांग्लादेश और नेपाल के जरिए 2000 व 100-50 रुपए के नकली नोटों की खेपों की बरामदगी यही साबित कर रही है।
आरबीआई ने यह दावा किया था कि नई करंसी में पैसे सुरक्षा फीचर छोड़े गए हैं कि उन्हें किसी भी हालत में कोई जालसाज बना नहीं पाएगा लेकिन यह दावा नई करंसी आने के तीन महीनों में ही फुस्स हो गया।
यह अब साबित हो गया है कि नई भारतीय नकली करंसी बनाने में पाक जालसाजों को महज 2 महीने का वक्त लगा है। इतना ही नहीं उसी पुराने पाकिस्तान-बांग्लादेश-भारत तस्करी रूट का इस्तेमाल भी नई नकली करंसी की तस्करी के लिए भी चालू कर दिया। अब तक कितनी नकली करंसी भारतीय सीमा में आ पहुंची है, इसकी कोई जानकारी या पुख्ता आंकड़े किसी के पास नहीं हैं।
मोदी हुए झूठे साबित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अब बड़ा संकट खड़ा हो गया है क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि नोटबंदी असल में नकली करंसी कारोबार करने वालों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक है। उसका तोड़ पाकिस्तान ने आखिरकार निकाल लिया है।
पाकिस्तान ने नकली भारतीय करंसी बाजार में उतनी तेजी से उतार कर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला तो यह कि नरेंद्र मोदी को उनके ही देश में बेइज्जत करने और झूठा साबित करने की योजना पूरी कर ली। उनके कार्यकाल में आई नई करंसी की नकल संभव नहीं होगी, यह दावा झूठा साबित कर दिया है। दूसरी यह कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लगातार ठेस पहुंचाने और तोड़ने की योजना पर आईएसआई जो काम कर रही थी, वह अभी भी जारी रहेगी।
सरकार सांसत में
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने यह कहा था कि सरकार में इस बात को लेकर चिंता है और मामले की उच्चस्तरीय निगरानी हो रही है। हम सभी संभावित उपाय कर रहे हैं ताकी नई नकली करंसी की तस्करी और उसे बाजार में चलन में आने से रोका जा सके।
सरकार भले ही कितने गाल बजा ले या ढोल पीट ले कि भारत में नकली करंसी की तस्करी रोकने के लिए तमाम जोर लगा रही है, हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, सच्चाई तो यह है कि नकली करंसी अब भारतीय बाजारों में न केवल पहुंच चुकी है बल्कि चलन में भी आ गई है।
खुफिया अधिकारियों का यह कहना है कि नकली करंसी का कारोबार भले ही आईएसआई करवा रही है लेकिन इसका असली फायदा आतंकियों को मिलता है। वे भारत में नकली करंसी बेचते हैं और हासिल हुआ असली धन आतंकी गतिविधियों में लगाते हैं।
सरकारी आंकड़े कहते हैं कि जनवरी 2015 से नवंबर 2016 के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने कुल 22 नकली करंसी तस्करों की गिरफ्तारी करते हुए तीन करोड़ 96 लाख 72 हजार 500 रुपए नकली नकदी पकड़ी थी।
नकली करंसी के तस्कर शाह ने पूछताछ में बताया कि नई नकली करंसी 20 से 30 फ़ीसदी असली करंसी लेकर आईएसआई के एजंट भारत में चलाने के लिए दे रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ की 2000 रुपए का एक नकली नोट 400 से 600 रुपए के असली नोट देने पर मिल रहा है।
यह खबर लिखे जाने तक बीएसएफ 2.96 लाख रुपए की नकली 2000 रुपए की करंसी बरामद कर चुका था।
नई करंसी आने के बाद से अब तक पाकिस्तान और भारत में बनी कुल जमा एक करोड़ 47 लाख 70 हजार 500 रुपए की नकली करंसी बरामद हो चुकी है। इस मामले में 20 फरवरी 2017 तक कुल 19 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
गृहमंत्रालय की रपट के मुताबिक नोटबंदी के बाद नकली करंसी की आमद कम हो गई थी क्योंकि पुरानी करंसी रद्द हो गई तो उसकी नकली करंसी भी किसी काम की नहीं रह गई थी। पुरानी नकली करंसी का पूरा स्टॉक आईएसआई के एजंटों ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में जला दिया था।
सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि पाकिस्तान लगभग 70 करोड़ रुपए की नकली करंसी भारतीय बाजारों में डालता है। यह लेकिन छोटी सी रकम है जो बरामदगी के आधार पर बताई जाती है। यह रकम असल में कई सौ गुना अधिक है। 2016 की पहली छमाही में 12.35 करोड़ के नकली नोट बरामद हुए थे। 2015 में 35 करोड़, 2014 में 36.11 करोड़ व 2013 में 42.90 करोड़ की नकली करंसी बरामद होने के आंकड़े सरकार देती है।
प्रधानमंत्री को किया साबित झूठा
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी करते वक्त दावा किया था कि नकली करंसी पर सर्जिकल स्ट्राइक है। नकली करंसी बनाना अब किसी के लिए भी असंभव होगा। उनके दावे झुठलाते हुए पाक खुफिया एजंसी आईएसआई के नकलसाजों ने बड़ी चालाकी से हूबहू असली जैसी ही नकली करंसी तैयार करने और भारत भेजनी शुरू करके उन्हें बड़ी चोट पहुंचाई है। इससे न केवल नरेंद्र मोदी की साख को धक्का लगा है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से यह एक गंभीर मुद्दा बन कर सामने आया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी नई चुनौती सामने आ गई है।
8 नवंबर 2016 को 1000 और 500 रुपए के नोट बंद करने और 2000 व ₹500 के नए नोट लाने की योजना पूरी तरह नाकाम साबित होते दिख रही है। सरकार में खलबली मची हुई है कि आखिरकार पाकिस्तान तक ये नए नोट इतनी जल्दी पहुंचे कैसे। इतनी आसानी से कैसे उन्होंने ये नकली नोट बना लिए हैं। इससे यह एक बार फिर साबित हो गया है कि पाकिस्तान पर लगाम लगाने की हर कोशिश नकारा साबित हो रही है।
सरकार ने क्यों कहा झूठ?
एक तरफ जहां सुरक्षा, जांच व खुफिया एजंसियां मिल कर पाक के नापाक मंसूबे ध्वस्त करने की लड़ाई लड़ रही थीं और ₹2000 के नकली करंसी के तस्करों का सौदागर से जूझ रही थीं, वहीं 3 फरवरी 2017 को वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि 2000 रुपए की जाली करंसी की बरामदगी की अब तक कोई पुष्ट खबर नहीं है।
सदन में सरकार ने कहा कि 2000 रुपए के जाली नोटों का पता लगने की कोई पुष्ट खबर उसके संज्ञान में नहीं है। ताज्जुब यह है कि इस बयान के पहले ही 2000 रुपए के नकली नोटों की बरामद सीमावर्ती इलाकों में हो चुकी थी। इसके बावजूद आरबीआई के आंकड़ों पर यह गलतबयानी की।
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार या आरबीआई के संज्ञान में बैंकिंग चैनल में 2000 रुपए के जाली नोटों का पता लगने की पुष्ट खबर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आरबीआई ने दिसंबर 2016 के आखिरी सप्कताह तक बैंकों व उनकी शाखाओं को जनवितरण के लिए विभिन्न मूल्यों के 22.6 अरब नोट जारी किए, जिनमें 20.4 अरब नोट 10, 20, 50 और 100 रुपए के थे। 2.2 अरब नोट 2000 रुपए तथा नए 500 रुपए के थे।’
दूसरे सवाल के लिखित उत्तर में मेघवाल ने कहा कि 10 दिसंबर 2016 तक आरबीआई और विभिन्न करंसी चेस्ट में 12.44 लाख करोड़ रुपए के 500 व 1000 रुपए के नकली नोट आए थे। उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी से पहले तक 500 रुपए के 8,58,253 करोड़ रुपए और 1000 रुपए के 6,85,782 करोड़ रुपए मूल्य की करंसी उपलब्ध थी।
अंक 2 में पढ़ें :
पाकिस्तान में छप रही है दो हजार की नकली करंसी