मीरा-भायंदर के धनकुबेर संकट में – नरेन्द्र मेहता और लल्लन तिवारी पर जमीन की धोखाधड़ी में एफआईआर दर्ज!
श्रवण शर्मा, भायंदर, मुंबई 14 अक्तूबर 2021 भायंदर पूर्व, नवघर गांव की रहनेवाली एक 66 वर्षीय महिला ज्योत्सना भाउराव पावसकर
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Read Moreश्रवण शर्मा, पत्रकार, भायंदर, मुंबई मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। सभी राजनीतिक दलों की एक ही मंशा होती रही
Read Moreनिरुक्त भार्गव, वरिष्ठ पत्रकार, उज्जैन भोपाल में चर्चित वेब सीरिज़ ‘आश्रम’ की शूटिंग के दौरान प्रख्यात निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा पर
Read Moreश्रवण शर्मा, भायंदर, मुंबई 16 अक्तूबर 2021 नवघर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत गुप्त सूचना मिलने पर भायंदर पूर्व, आजाद नगर
Read Moreनिरुक्त भार्गव, वरिष्ठ पत्रकार, उज्जैन देश में इन दिनों नागरिक के स्तर पर, समाज के स्तर पर और राष्टीय स्तर
Read Moreनिरुक्त भार्गव, वरिष्ठ पत्रकार, उज्जैन सर्वमान्यता है कि उज्जैन में कोई सबसे बड़ा धंधा-व्यवसाय-उद्योग है तो महाकालेश्वर मंदिर है! मध्यप्रदेश
Read Moreरस्ते भर रो–रोकर पूछा हमसे पांव के छालों ने बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल में बसने वालों ने यह
Read Moreवो हाथ तो क़िस्मत में मेरी है नहीं शायद आ बर्गे-हिना तुझको ही आंखों से लगा लूं यह शेर उस
Read Moreबे तेशा-ए-नज़र न चलो राह-ए-रफ़्तगां हर नक्श़-ए-पा बुलंद है दीवार की तरह ‘तेशा’ यानी पत्थर काटने का हथियार। ‘राह-ए-रफ़्तगां’ यानी
Read Moreकिसी मासूम बच्चे के तबस्सुम में उतर जाओ, तो शायद ये समझ पाओ, ख़ुदा ऐसा भी होता है. शायर ज़फ़र
Read Moreघर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए निदा साहब ने
Read Moreपलट कर देख लेना जब सदा दिल की सुनाई दे मेरी आवाज़ में शायद मेरा चेहरा दिखाई दे हिंदुस्तानी सिनेमा
Read Moreग़मे-हस्ती का असद किससे हो जुज़ मर्ग़ इलाज शम्अ हर रंग में जलती है सहर होने तक असद यानी मिर्ज़ा
Read Moreरात भी, नींद भी, कहानी भी हाय, क्या चीज़ है जवानी भी मरहूम शायर ज़फ़र गोरखपुरी ने एक गपशप में
Read Moreग़ज़ल दूसरों की ज़मीन पर अपनी खेती है। बतौर शायर आप भले ही दावा करें कि आपने नई ज़मीन ईजाद
Read Moreउनका जो काम है वो अहले सियासत जानें, अपना पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे जिगर मुरादाबादी का यह शेर
Read Moreबॉलीवुड का संगीत जगत एक अभेद्य किले की तरह है। इसमें प्रवेश करना कोई आसान काम नहीं है। जगह-जगह खाइयां
Read More(कहानी के जरिए मुंबई अंडरवर्ल्ड पर साहित्यिक दृष्टि) लेखक – विवेक अग्रवाल “तुम आज भी जाने वाले हो क्या?” सलमा
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