इकबालपुरा में जाति देख मिलता है कुएं से पीने का पानी
टीकमगढ़, 29 सितंबर 2015।
जिले के इकबाल पुरा गांव में जाति देखकर कुएं का पानी देने का मामला सामने आया है। यहां तीन अलग-अलग कुंए सर्वर्णों, दलित और वंशकारों के लिए बांट दिए हैं।
बुंदेलखण्ड के टीकमगढ़ जिले के कई गांवों में आज भी छुआछूत की परंपरा जारी है। इसके चलते क्षेत्र में दलित समाज के लोगों के लिए अलग से कुएं बनाए हैं। बताया जा रहा है कि इकबालपुरा गांव में एक साथ बने यह कुएं अलग-अलग जातियों में बांट दिए हैं।
सवर्ण समाज के लोगों के लिए अलग से एक कुंआ बनाया है। इसी तरह दलित समाज और पिछड़ी बंशकार जाति के लिए सवर्णों के कुंए से दूर दो कुएं बनाए हैं।
आजादी के 68 साल हो जाने पर भी यहां पुरानी जाति प्रथा के अनुसार नियम बने हुए हैं। इसी वजह से इनमें से कोई जाति एक-दूसरे के कुएं से पानी नहीं भर सकती है।
गांव के छात्र महेन्द्र अहिरवार का कहना है कि गांव में छुआछूत की परंपरा सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि बाकी चीजों के लिए भी है। इसी के चलते सभी जाति के लोग एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते हैं। हैरानी की बात ये है कि जिले के किसी जिम्मेदार अफसर को मामले की जानकारी नहीं है। मामले का खुलासा होने के बाद अफसर जांच की बात कह रहे हैं।
Courtesy: Attack News, Ujjain