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मुंबई पर क्या दक्षिण भारतीय डॉन करेंगे राज?

  • मुंबई अंडरवर्ल्ड में नई पौध उभर रही है
  • दक्षिण भारतीय सरगनाओं का बोलबाला 
  • बड़े गिरोहबाजों की रूची मुंबई में हुई कम 
  • आगामी दिनों में क्या खूनी खेल होगा मुंबई में 
  • गिरोहबाज कर सकते हैं वर्चस्व की लड़ाई शुरू

विवेक अग्रवाल।
मुंबई, 02 फरवरी 2017।
मुंबई के अंडरवर्ल्ड में इन दिनों एक अलग किस्म की तनानती दिख रही है। अब यह महसूस होने लगा है कि दाऊद, राजन और गवली गिरोहों के दिन खत्म हो चले हैं। इन गिरोहों से बाहर निकले सरगना या डॉन आगामी दिनों में मुबंई अंडरवर्ल्ड पर काबिज होने की जुगत भिड़ा रहे हैं। एक ही ऐसा नाम है जो पुराना है और वह अंडरवर्ल्ड पर फिर कब्जा कर सकता है तो छोटा शकील।

इलाकों और धंधे पर कब्जा करने की होड़ इन छोटे गिरोह सरगनाओं में मची हुई है। ये हैं रवि पुजारी, सुरेश पुजारी, प्रसाद पुजारी, हेमंत पुजारी, विजय शेट्टी, फहीम मचमच, संतोष शेट्टी, विकी मलहोत्रा, एजाज लकड़ावाला।

इनमें से कौन आगे बढ़ सकता है, कौन नहीं, इस पर अभी तो संदेह है। यह लेकिन जरूर कहा जा सकता है कि इन गिरोहबाजों के बीच अब आगे आने के लिए कम उठापटक नहीं हो रही है। इनके बीच मचा घमासान कभी भी मुंबई में नए गिरोह युद्ध या गैंगवॉर में तब्दील हो सकता है। इनमें से कौन – क्या कर रहा है और किस तरह आगे आने की कोशिश में लगा है, इंडिया क्राईम ने इसकी पूरी तफसील अपने सूत्रों से इकट्ठा की है।

रवि पुजारी
यह दक्षिण भारतीय गिरोह सरगना पहले छोटा राजन के साथ ही काम करता था। अब वह विदेश में है। लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता है। किसी को भी अपना टेलीफोन नंबर सीधे देने से कतराता है। वह मुंबई से ठाणे तक, नवी मुंबई से पालघर तक, सूरत से अहमदाबाद तक, दिल्ली से मंगलौर तक, हर एक को हफ्ते के लिए हड़का रहा है। उसकी धमकियों की बारिश बिल्डरों, जौहरियों, फिल्मी हस्तियों, राजनेताओं पर जारी है। जो उसकी मुखालफत करता है, उसे यह दक्षिण भारतीय डॉन गोलियों से भून देने से भी परहेज नहीं करता है।

यह कहा जाता है कि उसने सन 2016 में अन्य गिरोह सरगना सुरेश पुजारी से संबंध खत्म कर लिए हैं और प्रसाद पुजारी के साथ नया गठबंधन तैयार कर लिया है। रवि पुजारी ने गुजरात के एक पूर्व पार्षद की जनवरी 2016 में हत्या करवाने का श्रेय भी मीडिया को फोन करके लिया था। वह बड़ी तेजी से मुंबई में विस्तार कर रहा है।

सुरेश पुजारी
इस दक्षिण भारतीय गिरोह सरगना ने भी पिछले कुछ बरसों में मुंबई और आसपास के उपनगरों में मारकाट मचाई है। उसने अपनी दहशत फैलाने के लिए कोई कसर नहीं उठा रखी है। कुछ मुद्दों पर उसकी रवि पुजारी और प्रसाद पुजारी से ठन गई है। वह अब अकेले ही ऑपरेट कर रहा है।

विदेशों में रहते हुए वह मुंबई और आसपास के इलाकों से हफ्तावसूली करने के लिए लगातार फोन कर रहा है। उसने उल्हासनगर के एक केबल ऑपरेटर की हफ्ता न देने पर हत्या करने की बात मीडिया को दिए टेलीफोन साक्षात्कार में स्वीकार की थी। वह भी अब बड़ी तेजी से मुंबई में विस्तार कर रहा है।

प्रसाद पुजारी
प्रसाद पुजारी उर्फ डबल पाना उर्फ पीपी ने जनवरी 2017 में नेपाल में बसे भारतीय मूल के व्यक्ति की आईएसआई एजंट होने के नाम पर हत्या करने की बात मीडिया को बता कर बतौर जय हिंद वाले गिरोह सरगनाओं की सूची में खुद का नाम शूमार करने की कोशिश की है। वह लगातार लोगों को धमका रहा है। पिछले साल दिल्ली के एक फिल्म निर्माता को न केवल उसने धमकाया था बल्कि उसकी कार पर गोलीबारी भी करवाई थी।

विक्रोली इलाके का यह युवा गिरोह सरगना रोहित वर्मा का शिष्य है। उसने रवि पुजारी से गठबंधन कर लिया है। वह भी लगातार लोगों को धमका रहा है ताकी मुंबई में वर्चस्व कायम कर ले। जिस तरह उसने अपने गिरोह का विस्तार शुरू किया है, यह दिख रहा है कि कुछ समय बाद उसके साथ अन्य गिरोहों से इलाकों और धंधे पर कब्जे को लेकर खूनी लड़ाई भी छिड़ सकती है। वह भी नामालूम देश में रहते हुए अंडरवर्ल्ड की दुकान चला रहा है।

एजाज लकड़ावाला
दाऊद गिरोह का सिपहसालार रहा यह गिरोहबाज काफी समय से लोगों की निगाहों से गायब है। बीच में कुछ समय के लिए उसकी मौत की खबर भी उड़ाई थी। यह माना जाता है कि इश समय वह कनाडा में छुपा हुआ है। डी-कंपनी से वह भी किनारा कर चुका बताते हैं। वह फिलहाल इस स्तर पर सक्रिय नहीं है, जिस तरह वह 90 के दशक में रहा है।

विजय शेट्टी
संतोष शेट्टी का कभी दिमाग कहलाने वाला शातिर गिरोह सरगना विजय शेट्टी उर्फ बाला शेट्टी उर्फ विजू बैंकॉक से गायब है। वह अपना गिरोह अलग से संचालित कर रहा है। कहा जाता है कि संतोष शेट्टी से उसका अलगाव हो चुका है। यह माना जाता है कि संतोष शेट्टी की गिरफ्तारी के बाद से वह अलग हो गया था। वह बेहद खामोशी से अपना गिरोह संचालित कर रहा है।

उसके गिरोह में संतोष शेट्टी गिरोह से टूट कर काफी सारे सदस्य शामिल हुए हैं। वह भले ही इन दिनों शांत दिख रहा है लेकिन उसके कुछ खास कामकाज जारी हैं। वह अब सीधे तौर पर हफ्तावसूली में रुची नहीं दिखा रहा है।

फहीम मचमच
फहीम अभी भी दाऊद गिरोह के लिए काम कर रहा है। वह छोटा शकील के साथ मिल कर मुंबई में मांडवली और हफ्तावसूली का काम जारी रखे हुए है। पिछले दिनों फिल्म “कॉफी विद डी” के निर्माता को भी धमकी उसी ने दी थी कि दाऊद का मजाक बनाने वाला कोई भी दृष्य फिल्म में होगा तो गिरोह उन सबको सजा देगा। फहीम मचमच अपने तरीके से बिल्डरों से हफ्तावसूली आज भी करता है। वह भी पाकिस्तान में ही रहता है।

संतोष शेट्टी
संतोष शेट्टी उर्फ अण्णा उर्फ एसएस के बारे में यह तो सभी जानते हैं कि वह सुशिक्षित और बड़ा ही खुराफाती किस्म का सरगना है। बैंकॉक में गिरफ्तारी के बाद मुंबई और जैसलमेर में चल रहे अपहरण और हफ्तावसूली के दो मामलों से घिरा हुआ यह सरगना फिलहाल जमानत पर बाहर है। वह चुपचाप बैठा है। अपने दोनों मामलों में बरी होने तक वह कोई गतिविधि नहीं कर रहा है।

उसने यह व्यवस्था कर ली है कि जैसे ही इन मामलों से बरी होगा, वह फिर देश के बाहर चला जाएगा। इस बार वह बैंकॉक जाने के बदले में पूर्वी एशियाई देशों में से किसी एक में डेरा जमाएगा। वह इसके बाद तेजी से आगे बढ़ सकता है।

हेमंत पुजारी
छोटा राजन के साथ काम करने वाले इस गिरोहबाज के लिए कहा जाता है कि विदेश में कही मारा जा चुका है। उसकी मौत की खबर पर आज तक मुंबई पुलिस की ओर से कोई पुष्टि नहीं आई है। कहा जाता है कि सन 2006 में एक टैक्सी में जाते समय हादसे में वह लकवाग्रस्त हो गया था। तबसे वह खामोश था।

सूत्रों के मुताबिक सन 2016 के अगस्त या सितंबर माह में उसकी इस बीमारी के कारण ही मौत हो गई है। यह खबर चूंकी गिरोह सरगना बंटी पांडे ने अपने कुछ साथियों को बताई थी, इसलिए इस पर कोई भरोसा नहीं कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि हेमंत पुजारी कुछ समय के लिए हो सकता है कि भूमिगत हो गया हो, वह फिर से सर उठा सकता है।

बंटी पांडे
वियतनाम में गिरफ्तारी के बाद से बंटी पांडे मुंबई, गुजरात, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तरप्रदेश की जेलों में विभिन्न मामलों में घूम रहा है। उसके खिलाफ चार दर्जन से अधिक मामले चल रहे हैं। वह फिलहाल इस स्थिति में नहीं है कि अपने गिरोह का संचालन कर सके। वह शांती से तमाम मामलों के खत्म होने का इंतजार कर रहा है। जब वह मुक्त होगा, उसके बाद ही कोई गतिविधि करेगा।

बड़े गिरोहबाजों के हालात
दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है और वह अब मुंबई में हफ्तावसूली या सुपारी हत्याओं जैसे कामों में रुची नहीं रखता है। छोटा शखील के लिए भी यह सब अब पुरानी बातें हो चुकी हैं।

छोटा राजन की बाली में गिरफ्तारी और बेहद कड़ी सुरक्षा में तिहाड़ जेल में रिहाईश के कारण गिरोह लगभग खात्मे की कगार पर है। अरुण गवली का गिरोह भी शांत है। वह अपनी राजनीतिक पार्टी का वर्चस्व बढ़ाने में ही जुटा है। इन दिनों हत्या के मामले में उम्रकैद काट रहा अरुण गवली गिरोह गतिविधियों से दूरी बनाए हुए है।

अमर नाईक की मौत के बाद गिरोह के सरगना बने अश्विन नाईक ने कुछ कोशिशें हफ्तावसूली हेतु की थीं लेकिन मुंबई पुलिस ने उसे कुछ मामलों में अटका कर बुरी तरह पस्त कर दिया है।

सक्रिय गिरोहबाज
इन गिरोहबाजों की कुल संख्या में जो भी सक्रिय दिख रहे हैं, उनके बीच दक्षिण भारतीय गिरोहबाज ही ऐसे हैं जो लगातार अपनी धमक पैदा कर रहे हैं, अपनी उपस्थिति जता रहे हैं। उनके लिए अब जीवन-मरण का प्रश्न बन चला है। वे यह कोशिश करेंगे कि मुंबई पर कब्जा जमा सकें। इसके चलते ये दक्षिण भारतीय गिरोह सरगना ही आगामी दिनों में मुंबई अंडरवर्ल्ड पर राज करने के इरादे से आगे बढ़ते दिख रहे हैं।

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