एक सीट की वेकन्सी में आरक्षण नहीं – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली  24 सितम्बर ।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि अगर सरकार एक पोस्ट को भर रही हो तो वहां एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जाएगा।

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हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आरक्षित वर्ग का कोई भी व्यक्ति पहले से ही सरकारी नौकरी में है और विभागीय प्रोन्नति के जरिए भरी जाने वाली सिंगल पोस्ट के लिए योग्य है तो उसे नियुक्त करना गलत नहीं होगा।
जस्टिस दीपक मिश्रा और पीसी पंत की पीठ ने दो पुराने फैसलों का हवाला भी दिया। दोनों जजों की बेंच ने कहा, ‘यह साफ है कि एक पद पर आरक्षण देने से सामान्य वर्ग के प्रतियोगी पहले ही बाहर हो जाएंगे और इससे अधिक पदों की भर्ती पर आरक्षण का मुद्दा उठेगा।’
1998 में संवैधानिक पीठ ने चंडीगढ़ के पोस्टग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च बनाम फैकल्टी असोसिएशन केस में कहा था, ‘सिंगल पोस्ट पर रोस्टर रोटेशन के आधार पर आरक्षण देने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी जहां पर ऐसी सिंगल पोस्ट केवल आरक्षित वर्गो के लिए ही रखी जाएंगी और सामान्य वर्ग के सदस्य इससे बाहर हो जाएंगे। इस तरह सामान्य वर्ग को पूरी तरह से बाहर कर देना और पिछले वर्गो के लिए सौ फीसदी आरक्षण संवैधानिक ढांचे के अनुसार नहीं है।’
जस्टिस मिश्रा और पंत की बेच ने कहा, ‘अगर क्लर्क काडर में एक पोस्ट खाली है तो उसे पदोन्नति के जरिए भरा जाएगा। इससे आरक्षण का मुद्दा नहीं उठेगा।’
Courtesy: Attack News, Ujjain

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