एनकाऊंटर का गेम
असलम को टेंशन मे देख के मैं बोला, “बंटा आज पूरा मुलुक जशन मनारेला है, और तू टेंशन मे चलरेला
Read Moreअसलम को टेंशन मे देख के मैं बोला, “बंटा आज पूरा मुलुक जशन मनारेला है, और तू टेंशन मे चलरेला
Read Moreये सब नकली हैं, किसी खुदग़र्ज़ की खुदग़र्ज़ी ने इन्हें बनाये हैं, इसे अमृत वर्षा समझ कर आप जो इसमें
Read Moreलॉकडाऊन की बातें याद बनकर रह जाएंगीएक समय के बाद ये कहानियां बन जाएंगी कभी भी खाना और कभी भी
Read Moreरस्ते भर रो–रोकर पूछा हमसे पांव के छालों ने बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल में बसने वालों ने यह
Read Moreनफ़रत के सौदागरों से हार के इस ज़ालिम दुनिया को ठुकरा कर तुम चले गए, कांटों के बीच बेबस गुलाब
Read Moreअसलम दुखी सा न्यूज़ देख के बोला, “बंटा अपुन का बॉलीवुड को किसी का नजर लग गयेला ऐ भाय… कल
Read Moreनन्हे हामिद को बाज़ार में शैतान मिल गया। हामिद ने कहा, “तुम बहुत बुरे हो दुनिया में फ़साद फैलाते हो…”
Read Moreवो हाथ तो क़िस्मत में मेरी है नहीं शायद आ बर्गे-हिना तुझको ही आंखों से लगा लूं यह शेर उस
Read Moreजंगलाधीश अपने आसन पर मुखमंडल पर निर्मल मुस्कान लिये ध्यान में लीन थे, शिकार के विरोध में जंगल में कबूतरों
Read Moreबे तेशा-ए-नज़र न चलो राह-ए-रफ़्तगां हर नक्श़-ए-पा बुलंद है दीवार की तरह ‘तेशा’ यानी पत्थर काटने का हथियार। ‘राह-ए-रफ़्तगां’ यानी
Read Moreकिसी मासूम बच्चे के तबस्सुम में उतर जाओ, तो शायद ये समझ पाओ, ख़ुदा ऐसा भी होता है. शायर ज़फ़र
Read Moreघर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए निदा साहब ने
Read Moreपलट कर देख लेना जब सदा दिल की सुनाई दे मेरी आवाज़ में शायद मेरा चेहरा दिखाई दे हिंदुस्तानी सिनेमा
Read Moreग़मे-हस्ती का असद किससे हो जुज़ मर्ग़ इलाज शम्अ हर रंग में जलती है सहर होने तक असद यानी मिर्ज़ा
Read Moreरात भी, नींद भी, कहानी भी हाय, क्या चीज़ है जवानी भी मरहूम शायर ज़फ़र गोरखपुरी ने एक गपशप में
Read Moreग़ज़ल दूसरों की ज़मीन पर अपनी खेती है। बतौर शायर आप भले ही दावा करें कि आपने नई ज़मीन ईजाद
Read Moreउनका जो काम है वो अहले सियासत जानें, अपना पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे जिगर मुरादाबादी का यह शेर
Read Moreबॉलीवुड का संगीत जगत एक अभेद्य किले की तरह है। इसमें प्रवेश करना कोई आसान काम नहीं है। जगह-जगह खाइयां
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