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मुंबई का फरार गिरोह सरगना रवि पुजारी उर्फ आरपी सेनेगल में गिरफ्तार

विवेक अग्रवाल

मुंबई, 31 जनवरी, 2019

कुख्यात गिरोहबाज और संगठित गिरोह सरगना रवि पुजारी उर्फ आरपी को पश्चिम अफ्रीकी देश सेनेगल में इंटरपोल और स्थानीय पुलिस के एक साझा अभियान में 22 जनवरी 2019 को धर दबोचा। भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजंसियों के मुताबिक यह एक बड़ी सफलता है।

 

रवि पुजारी को डकार नामक शहर में गिरफ्तार किया है, जो सेनेगल की राजधानी है। उसके खिलाफ इंटरपोल के सेंट्रल ब्यूरो और सेनेगल पुलिस की क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन डिविजन ने साझा अभियान चलाया था।

 

यह कहा जा रहा है कि रवि पुजारी के पास से श्रीलंका से जारी एक पासपोर्ट बरामद हुआ है, जिस पर उसका नाम एंथोनी फर्नांडिज लिखा है। इसके पहले तक वह भारतीय पासपोर्ट पर ही देश के बाहर रहता था। कुछ दिनों पहले उसके भारतीय पासपोर्ट की जानकारियां लीक हो गई थीं। उसके बाद ही रवि पुजारी ने श्रीलंकाई पासपोर्ट हासिल किया है।

 

बता दे कि रवि पुजारी के खिलाफ कर्नाटक के बंगलुरू शहर की पुलिस ने कई मामलों में इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था। उसने कर्नाटक में कई कारोबारियों को हफ्ते के लिए धमकियां दी थीं। उसके खिलाफ सुपारी हत्या के भी कई मामले वहां दर्ज हुए हैं।

 

यह गिरफ्तारी इसी इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के बाद हुई है।

 

सेनेगल की राजधानी डकार स्थित भारतीय दूतावास के राजदूत ने भारतीय पुलिस एवं सीबीआई अधिकारियों को इस गिरफ्तारी के बारे में 26 जननवरी 2019 को जानकारी दी। सीबीआई ने तुरंत इस मामले में रवि पुजारी की तमाम जानकारियां और आईडेंटीटी किट भेजा है ताकी उसका प्रत्यर्पण करने की व्यवस्था हो सके।

भारतीय अधिकारियों ने रवि पुजारी की गिरफ्तारी की पुष्टी कर दी है। उनका कहना है कि सेनेगल से रवि पुजारी को जल्द ही भारत लाने के लिए एक विशेष विमान भेजा जाएगा।

 

पता चला है कि स्थानीय पुलिस ने फिलहाल रवि पुजारी को डकार शहर के रेबेऊस डिटेंशन सेंटर में हिरासत में रखा है।

 

सेनेगल में रेस्तोंरा

रवि पुजारी सेनेगल के शहर डकार में दिखावे के लिए एक भारतीय रेस्तोंरा चला रहा है। इसका नाम नमस्ते इंडिया है।

 

बडबिदरी का है रवि

रवि पुजारी के बारे में कहा जाता है कि वह मंगलौर के पास स्थित उडिपी जिले के पडबिदरी गांव का मुल निवासी है।

 

यह छोटा गिरोह गिरोह सरगना लगभग डेढ़ दशक से फरार है।

 

रवि पुजारी ने गिरोह सरगना छोटा राजन के साथ कई बरसों तक खूनखराबा और हफ्तावसूली का काला कोराबार मुंबई में रहते हुए ही किया है।

 

वह मुंबई में रह कर ही अपराध करता रहा है। उसने सन 2001 में अपना गिरोह शुरु किया था। छोटा राजन से वह सन 2000 के बाद तब अलग हो गया था जब डी-कंपनी के सेनापति छोटा शकील ने उसके गिरोह मुखिया छोटा राजन उर्फ नाना उर्फ सीआर पर जानलेवा हमला बैंकॉक में किया था। इस हमले में छोटा राजन का सेनापति रोहित वर्मा उर्फ बब्बू उर्फ धर्मेंद्र पांडे मारा गया, जबकि छोटा राजन कई गोलियां लगने से बुरी तरह घायल हुआ था।

 

रवि पुजारी के खिलाफ पिछले 25 सालों में देश की कई अदालतों से विभिन्न शहरों पुलिस ने गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करवाए हैं।

 

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अफसरान और रवि पुजारी के डोजियर के मुताबिक अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा के अलावा वह कुछ हिंदी भी जानता है।

 

रवि पुजारी की पत्नी पद्मा पुजारी को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने सन 2014 में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ जमाते-उलेमा की लीगल सेल के सचिव गुलजार आजमी को धमकाने का मामला पुलिस ने दर्ज किया था।

 

आरपी की हरकतें

पुलिस के मुताबिक आरपी ऑस्ट्रेलिया के सेल फोन नंबर का इस्तेमाल लोगों को धमकाने में करता रहा है। वह ये जताता रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में रहता है जबकि आयरलैंड या बुरकिना फासो या सेनेगल में छुपा होता था।

 

अपराध शाखा अधिकारियों के मुताबिक रवि पुजारी तेजी से अपने ठिकाने बदलता रहा है ताकी खुफिया एवं जांच एजंसियों से बचा रहे। वह आयरलैंड, बैंकॉक, मलेशिया, मोरक्को भी रहा है।

कुछ सूत्रों के मुताबिक रवि पुजारी बुरकिना फासो में कई बरसों तक छुप कर रह चुका है।

 

रवि पुजारी अपना संगठित आपराधिक गिरोह मुंबई और आसपास के इलाकों में फैले अपने खबरियों और गुंडों के जरिए चलाता है। उसके गुंडों की फौज दक्षिण भारत के भी कुछ शहरों में काम कर रही है।

 

पिछले कुछ सालों में मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई पुलिस ने रवि पुजारी के दर्जनों गुंडों को गिरफ्तार करके उसकी ताकत खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

 

महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई और दबाव के चलते ही रवि पुजारी ने पिछले कछ बरसों से बंगलुरू को मुख्यालय बना लिया था।

 

रवि का गुरू

पुलिस सूत्रों के मुताबिक रवि पुजारी गिरोहबाज छोटा राजन का खास रहा है। दोनों ने मिल कर बरसों तक साथ मिल कर आपराधिक काम किए हैं। बता दें कि छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया के बाली शहर में पुलिस ने गिरफ्तार कर भारत प्रत्य्रपित कर दिया था। वह अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और उसके सभी मामले विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दिल्ली में ही चल रहे हैं।

 

छोटा राजन और रवि पुजारी ने गिरोह सरगना दाऊद इब्राहिम के साथ 1992 के मध्य तक काम किया है। इसके बाद छोटा राजन और दाऊद में अलगाव हो गया था। इस अलगाव में रवि पुजारी ने छोटा राजन के साथ रहने का निर्णय लिया था।

रवि के गुंडे गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने जनवरी 2019 में रवि के गिरोह से जुड़े दो गुंडों को मोका कानून के तहत गिरफ्तार किया है। उनके नाम विलियम रोड्रिक्स और आकाश शेट्टी हैं। उनके खिलाफ कई लागों ने हफ्ताखोरी के लिए जान से मारने की धमकियां देने के आरोप लगाए थे।

 

रवि का रोजनामचा

रवि पुजारी के खिलाफ हफ्तावसूली, हत्या की धमकी, अपहरण, हत्या, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी और सुपारी हत्या के दर्जनो मामले देश के कई शहरों में दर्ज हैं।

 

जेएनयू के छात्र उमर खालिद, छात्र नेता सेहला रशीद, दलित नेता और गुजरात के विधायक जिगनेश मेवानी ने रवि पुजारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई हैं। उनका आरोप है कि रवि पुजारी ने उन्हें हत्या करवाने की धमकी दी है।

 

उमर खालिद ने रवि पुजारी के खिलाफ दिल्ली पुलिस में हत्या की धमकी देने की शिकायत दर्ज करवाई है। उमर खालिद पर राजद्रोह का कथित मामला बनने के बाद रवि पुजारी ने उन्हें कथित तौर पर धमकाया था।

रवि पर कश्मीरी अलगाववादी नेता और हुर्रियत के पदाधिकारी सैयद अली शाह को भी जान से मारने का मामला दर्ज हुआ है।

 

रवि पुजारी ने सन 2009 से 2013 के बीच कई फिल्मी हस्तियों को भी हफ्तावसूली के लिए धमकियां दी हैं। कई बार तो धमकियों के कारण बड़े ही मजेदार होते थे।

 

दिल्ली के वरिष्ठ वकील हरीष सालवे ने भी सन 2015 में रवि पुजारी के खिलाफ धमकियां देने का मामला दर्ज करवाया था। इसकी जांच दिल्ली पुलिस की सेपेशल सेल ने की थी।

 

गुजरात पुलिस को भी रवि पुजारी की हफ्तावसूली और धमकियां देने के मामलों में बरसों से तलाश रही है। उसने अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा जैसे कई शहरों के कारोबारियों को हफ्तावसूली के लिए धमकाया है।

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