ExclusiveMafia

Mumbai Mafia: Secrets of Haji Mastan: Part 06: मस्तान की बंदूकबाजी भी रही है मशहूर

इंद्रजीत गुप्ता

मुंबई, 01 मार्च 2023।

हाजी मस्तान के बारे में यही कहा जाता है कि उसने कभी किसी को एक तमाचा भी नहीं मारा और मुंबई का बेताज बादशाह बन बैठा था। इस कहानी से काफी सारे पुराने लोग इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि एक वक्त ऐसा भी आया था जब हाजी मस्तान ने बंदूक का सहारा लिया था।

कहा जाता है कि हाजी मस्तान ने उस जमाने के बड़े तस्कर और लैंडिंग एजंट युसुफ पटेल पर गोलीबारी करवाई थी। इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि दो कहानियां अलग-अलग लोगों को द्वारा समय-समय पर सुनाई जाती हैं।

हेरफेर से नाराज मस्तान

एक कारण तो यह कहा जाता है कि सोना-चांदी तस्कर और नामी लैंडिंग एजंट यूसुफ पटेल से हाजी मस्तान का चांदी की एक खेप के सिलसिले में खासा विवाद हो गया। हुआ कुछ यूं कि हाजी मस्तान की चांदी की एक खेप में यूसुफ पटेल ने मिलावट कर दी। उसने चांदी की ईंटें बदल कर चांदी का पानी चढ़ी गिलट की ईंटें पहुंचा दीं।

जब यह बात हाजी मस्तान को पता चली तो उन्होंने यूसुफ पटेल से कहा कि उनका असली माल वापस करे। युसुफ पटेल इससे साफ मुकर गया कि यह हेराफेरी उसने की है।

इस बात से हाजी मस्तान को बहुत गुस्सा आया। मस्तान ने करीम लाला के जरिए दो अफगानी पठानों को हथियार के साथ युसुफ लाला को ठोंकने भेजा। होटल के बाहर युसुफ पर हमला हुआ लेकिन गोली गले में जा धंसी। युसुफ को अस्पताल भेजा गया। वह बच गया।

इसके बाद मस्तान खुद युसुफ ने मिलने पहुंचा और उससे कहा कि आज से हमारी दुश्मनी खत्म, तुम्हें जब खुदा ने ही बचा लिया तो मैं मारने वाला कौन होता हूं।

इमारत पर विवाद

दूसरा कारण बताया जाता है कि मस्तान और यूसुफ में एक इमारत को लेकर विवाद हो गया था।

उन दिनों यूसुफ पटेल दक्षिण मुंबई में लगभग 300 इमारतों का मालिक था। यूसुफ पटेल की ज्यादातर इमारतें जवेरी बाजार, मोहम्मद अली रोड, सुतार गली, भिंडी बाजार, नागपाडा, भायखला और मुंबई सेंट्रल में थीं। यूसुफ पटेल की उन दिनों बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारोबार में तूती बोलती थी।

दूसरी तरफ इस कारोबार में हाजी मस्तान भी आने के लिए बेताब था। यूसुफ पटेल उसे कारोबार में गुसने ही नहीं दे रहा था।

यूसुफ पटेल नाथ पांडे में एक बिल्डिंग बनवा रहा था, जो पहले घोड़ों का तबेला था। हाजी मस्तान ने उसमें तकरीबन सभी फ्लैट खरीद लिए। जब यूसुफ पटेल को इसकी जानकारी हुई तो मस्तान से कहा यहां बिल्डिंग नहीं बनेगी। उसने कहा कि वह जमीन का मालिक था और मस्तान को तमाम रकम वापस कर देगा।

इस पर हाजी मस्तान भी अड़ गए कि नहीं मुझे तो फ्लैट ही चाहिए। युसुफ भी फ्लैट देने के लिए राजी नहीं था।

नाराज मस्तान ने दो अफगानी पठान शूटर तैयार किए। उनके लिए पिस्तौल और गोलियों का इंतजाम किया। उन्हें हिदायत दी कि यूसुफ पटेल पर ही गोली चले, पैर में गोली लगे, कहीं और नहीं लगनी चाहिए।

इसके बाद यूसुफ पटेल पर एक होटल से नाश्ता करके बाहर आते समय शूटरों ने हमला किया। यूसुफ पटेल के पैरों पर गोली मार दी। युसुफ पटेल को अस्पताल भेजा गया। वह ठीक तो हो गया लेकिन उसके बाद से यूसुफ पटेल लंगड़ा कर चलने लगा।

अब यूसुफ घबरा कर मस्तान से समझौता करने निकला। अब समझौते में यूसुफ और मस्तान की बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारोबार में भागीदारी हो गई।

यूसुफ का यह घोड़े का तबेला कुछ समय बाद मुंबई सेंट्रल चला गया था, जहां पर आज डीबी रियलिटी ने इमारत तामीर की है।

जारी…

अगले अंक में पढ़ें: Secrets of Haji Mastan: Part 07: मस्तान की जकात के लिए पुरे देश से आते थे लोग

Leave a Reply

Web Design BangladeshBangladesh Online Market