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मटका माफिया के बुरे दिन #03: आपसी झगड़े में बरबाद हुआ मेन बाजार मटका

  • पंकज-पप्पू झगड़े से मेनबाजार बरबाद
  • मेन बाजार मटका कब्जाया था पप्पू ने
  • मटका संचालन गया कई राज्यों में
  • पुलिस छापों से हलाकान हुआ पप्पू

विवेक अग्रवाल

मुंबई, 1 जुलाई 2019

मुंबई से खुलने वाले मेन बाजार मटके पर पप्पू सावला और पंकज गंगर के बीच जारी जंग खतरनाक रूप ले चुकी है। कहा जा रहा है कि मटके पर एक बार फिर मौत का साया मंडराने लगा है। मेन बाजार मटके पर मारकाट का सिलसिला कोई नया नहीं है। यह लड़ाई कभी भी खूनी रूप ले सकती है।

हीरजी का मटका

सूत्रों का कहना है कि पप्पू सावला के पिता हीरजी सावला बोरीवली (प) इलाके में ही मटके का धंधा करता था।

पप्पू सावला ने पिता हीरजी का धंधा अपनाने के बदले जुए के नए कारोबार स्लॉट मशीन में हाथ आजमाया था। मुंबई के सात रस्ता इलाके में उसने एक दुकान लेकर स्लॉट मशीनें लगाईं। इनके जरिए पप्पू सावला ने करोड़ों रुपए कमाए।

इस सट्टा किंग को करीब से जानने वालों का कहना है कि जुए की कमाई से ही पप्पू सावला ने बोरीवली के गोयल शॉपिंग सेंटर में कई दुकानें खरीदीं।

कुछ समय पहले तक तो पप्पू सावला को 40 बॉडीगार्ड घेरे रहते थे। पप्पू के साथ कारोबार में भाई जयेश सावला भी है।

दोस्त – दोस्त न रहा

पप्पू का सबसे करीबी दोस्त और कारोबारी भागीदार चामुंडा सर्कल बोरीवली (प) का निवासी पंकज गांगर रहा है। कल तक के दोनों जिगरी दोस्त, एक दूसरे पर जान छिड़कने थे, आज एक दूसरे की जान के पीछे पड़े हैं।

पता चला है कि इनके बीच विवाद की जड़ मेन बाजार मटका है। एक सूत्र ने बताया कि पप्पू सावला ने गिरोह सरगना अरुण गवली के जरिए धमकियां दिलवा कर मेन बाजार मटका संचालक रतन खत्री से पूरा कारोबार छीना था।

प्रकाश हीरजी सावला उर्प पप्पू सावला

हंसमुख और वसंत का साथ

पप्पू ने जब मेन बाजार मटका कब्जा किया, उसके साथ कल्याणजी भगत की पहली पत्नी के दो बेटे हंसमुख भगत और वसंत भगत उर्फ वसंत प्रधान भी शामिल थे। हंसमुख की भाई दूज को बाथरूम में शॉर्ट सर्किट के कारण मौत हो गई थी।

कहा जाता है कि वसंत ने पप्पू का लंबे समय तक साथ दिया। एक दिन बसंत की हत्या होती है। वसंत हत्याकांड में पप्पू का नाम भी आया था। उसे पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।

सूत्रों के मुताबिक मेन बाजार मटका कब्जा करवाने के बदले गवली गिरोह को आज भी तकरीबन 25 लाख रुपए महीना संरक्षण राशि जाती है।

पंकज ने संभाला मेन बाजार

सूचना मिलती है कि पप्पू सावला के नाम पर मेन बाजार का पूरा कारोबार पंकज गंगर चलाने लगा।

एक सूत्र के मुताबिक पप्पू सावला बोरीवली अड्डे से मेन बाजार मटके का संचालन कर रहा था। जब मुंबई में पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो धंधा गोवा ले गया। वहां दो बार छापे पड़े तो कुछ समय के लिए कारोबार नाशिक गया। वहां से मध्यप्रदेश की सैनिक छावनी मऊ में मटका कारोबार पहुंचा।

पप्पू ने कुछ समय के लिए मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी मेन बाजार मटका चलाने के लिए दिया।

बीच में कुछ समय चलाने के लिए मेन बाजार पुरुषोत्तम सोलंकी और घनश्याम को दिया था। उन दिनों अहमदाबाद से पुरुषोत्तम के पंटर मटका चला रहे थे। गुजरात पुलिस ने पुरुषोत्तम पर दबाव बढ़ाया, तो वह गायब हो गया। मेन बाजार की कमान पप्पू सावला ने अपने हाथों में ली।

पंकज को इंकार

ऐसे समय में पंकज ने पप्पू के सामने प्रस्ताव रखा कि मेन बाजार मटका चलाने के लिए उसे दे। वह निश्चित रकम बतौर रॉयल्टी देने के लिए तैयार है। पप्पू ने उसकी बात अनसुनी कर दी। पप्पू ने कहा कि मटके का मालिक वही रहेगा। पंकज चाहे तो उसके लिए काम करता रहे। पंकज ने साथ काम जारी रखा। इस तरह हर जगह पर पंकज का नाम ही सामने आता। कारोबार पूरी तरह पंकज ही संभालता रहा।

यहां दोनों के बीच मनमुटाव हो चला था। इसके बाद भी कारोबार ठीक नहीं चला तो पप्पू सावला ने मटका कारोबार फिर गोवा पहुंचाया।

गोवा पुलिस तथा राजनेताओं से सेटिंग के बाद मेन बाजार मटके का संचालन आराम से चल रहा था।

पप्पू और पंकज में अलगाव

पप्पू और पंकज के बीच मटके को लेकर मनमुटाव हुआ, जो पप्पू के अहंकारी रवैए के चलते विवाद में बदल गया। पंकज ने मेन बाजार मटके से अलग होने में ही भलाई समझी।

इस बीच दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को ठाणे पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने धर दबोचा। इकबाल कासकर के बयान में पंकज गागर का नाम आया।

सूत्रों का कहना है कि इकबाल कासकर ने पुलिस को बयान दिया कि मेन बाजार मटके से पंकज गांगर डी-कंपनी को मोटी रकम बतौर हफ्ता मिलती है। इसके आधार पर पुलिस ने पंकज गागर को भी मोका के तहत जेल की सलाखों के पीछे ठूंस दिया। पंकज को पता चला कि पप्पू ने ही एक पुलिस अधिकारी को मोटी रकम खिला कर गिरफ्तार करवाया है।

कहते हैं कि उस समय पंकज ने कसम खाई कि पप्पू सावला को बर्बाद करके ही दम लेगा। इसके बाद पंकज ने अहमदाबाद के एक पुराने बुकी का सहारा लेकर पप्पू सावला के खिलाफ अभियान छेड़ दिया।

सूत्रों का कहना है कि मेन बाजार मटका गोवा से चल रहा था। मेन बाजार मटका के मोबाइल एप पर सूचना 25 जून 2019 को आई कि रेट नहीं खुलेंगे। उसी दिन से मटका बंद है।

जारी: मेनबाजार मटका में लूटपाट का बोलबाला

मटका माफिया के बुरे दिन #01 : मेन बाजार मटका बंद, ऑपरेटर पप्पू सावला फरार

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