सीटीवी अंक 21 – विदेशों में सुरक्षित स्वर्ग बना रखे हैं गिरोहबाजों ने
दुनिया का कोई कोना नहीं छोड़ा है मुंबई माफिया ने कामकाज के लिए पहुंचने और जड़ें जमाने में। कोई इसे
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Read Moreआज का सबसे बड़ा सवाल यदि देश में कोई गूंजता है तो यही है कि क्या दाऊद इब्राहिम को भारत
Read Moreमुंबई माफिया इस कदर फलता-फूलता कैसे रहा है और उसे यह खाद-पानी आखिर मिलता कहां से है? यह सवाल सभी
Read Moreमुंबई माफिया की अपनी ही एक भाषा है। इस भाषा का अपना ही रंग है। एक अलग ही किरदार है।
Read Moreलोग कहते हैं कि मुंबई में पहला गिरोह युद्ध का आरंभ दाऊद के कारण हुआ था। यह एक अर्धसत्य है।
Read Moreमुबंई का अंडरवर्ल्ड आपसी बातचीत के दौरान खासी सावधानी बरतता है। वह दशकों से अपने बनाए कोडवर्ड पर आधारित भाषा
Read Moreमुंबई के गुंडों ने अपने लिए जब एक भाषा और कोडवर्ड चुने, तो खुद की शिनाख्त बचाने और छुपाने के
Read Moreमुंबई के खूनी संसार महज पुरुषों या मर्दों का खेल नहीं रहा है। दशकों से इसमें महिलाएं भी शामिल रही
Read Moreमुंबई माफिया जबसे बना है, तभी से यह हथियार इस्तेमाल नहीं करता था। पहले तो मामला घूंसों और लातों से
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