खबरी खस्ताहाल कोरोना के दौर में, पुलिस महानिदेशक से सहायता की मांग – गनतंत्र की बात
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 29 अप्रैल 2020
कोरोना महामारी के बीच अब तक किसानों, छात्रों, सैनिकों, पुलिस वालों, दूकानदारों से लेकर रोजादारों तक हर समुदाय या क्षेत्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ सरकार करती दिख रही है लेकिन देश में पुलिस को सबसे अधिक सहयोग करने वाले मुखबिरों को भूल गए हैं। अब मुखबिरों ने भी आर्थिक हालत खस्ता होने पर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर आर्थिक मदद दिलवाने के लिए कहा है।
यह पत्र एक मुखबिर राकेश दानी ने ईमेल से भेजा है, जिसमें उन्होंने कोरोना (कोविड-19) वाईरस के कारण तमाम कामकाज ठप्प पड़ने के कारण खबरियों को पेश आ रही आर्थिक दिक्कतों का हवाला दिया है।
पत्र में राकेश दानी ने मांग की है कि राज्य पुलिस ‘सीक्रेट फंड’ से कुछ रकम निकाल कर अपने खबरियों को इस वक्त दे तो बेहतर होगा।
राकेश दानी के पत्र के मुताबिक वे खुद दो दशकों से ठाणे और मुंबई इलाके में सक्रिय हैं। उन्हें पता है कि इस वक्त पुलिस की तमाम छानबीन बंद होने के कारण सभी मुखबिर भी बेरोजगार बैठे हैं।
इंडिया क्राईम से बातचीत करते हुए राकेश दानी कहते हैं, “हम तो डिपार्टमेंट की आंख-कान-नाक हैं। हम सबकी हालत खराब होती जा रही है। सीनियर अफसरों को इस बारे में भी ध्यान देना चाहिए।”
राजा राम को रावण को मार कर सीता को छुड़ाने के लिए जो मदद उस जमाने के मुखबिर विभिषण ने की थी, उसका ईनाम में लंका का राज्य विभीषण को मिल गया था। आधुनिक विभीषणों को इस आपात्काल में अब राज्य को संभालना होगा।
राकेश दानी के पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र को लिखे पत्र की प्रति:
Date: Tue, 28 Apr, 2020, 11:10 AM
Subject: Request for Financial support to Informers
Respected DGP (Maharashtra),
Hope you are doing well.
Due to the Covid-19 Pandemic, I would like to request you on behalf of all the informers to help them in Financial matters since we all are out of work currently. Please distribute some funds from Secret Funds to the informers so that we can have some financial support.
Personally I have been working with the Thane Rural, Thane City and Mumbai as an Informer from past 20 years.
Hoping to hear from you soon.
Stay Safe!
Regards,
Bhavesh Dani @Rakesh.
Contact number: 9004747947
कोरोना वायरस से लड़ाई में इतनी बड़ी चूक और गंभीर गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।