किताब : दत्तात्रय लॉज: बॉलीवुड के बरबाद सपनों की बारात
दत्तात्रय लॉज: बॉलीवुड के बरबाद सपनों की बारातलेखक – विवेक अग्रवालपृष्ठ – 184 / अध्याय – 20 ‘दत्तात्रय लॉज’ बॉलीवुड
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Read moreमुठभेड़ : घनसू डकैत से 59 घंटों की मुठभेड़ पर आधारित रोमांचक शोधपरक उपन्यासलेखक – विवेक अग्रवालपृष्ठ – 192 /
Read moreकिताब : अदृश्यलेखक – विवेक अग्रवाल – अलका अग्रवाल सिगतियापृष्ठ – 200 / अध्याय – 18 एक फिल्म का साहित्यिक
Read moreकिताब : आंसू: वासना का नरक भोगता बचपनलेखक – विवेक अग्रवालपृष्ठ – 195 / अध्याय – 24 बाल यौन उत्पीड़न
Read moreकिताब : बार-बंदी : बर्बाद बारों की बेनूर बारातलेखक – विवेक अग्रवालपृष्ठ – 274 / अध्याय – 17 हम पहुंच
Read moreअंडरवर्ल्ड बुलेट्स : मुंबई माफिया के अनसुने किस्सेलेखक – विवेक अग्रवालपृष्ठ – 330 / अध्याय – 113 यह किताब मनोरंजन
Read moreअंडरवर्ल्ड दाने : मुंबई माफिया के अनसुने किस्सेलेखक – विवेक अग्रवालपृष्ठ – 176 / अध्याय – 100 मुंबई माफिया के
Read moreनरक सरहद पार: पाक की वहशी जेलों से जिंदा लौटे जासूस की सच्ची दास्तांपृष्ठ – 444 / अध्याय – 12
Read moreअछूत कुत्ता: कुरीतियों के खिलाफ कलमपृष्ठ – 165 / अध्याय – 33 भारत ही नहीं, पूरा विश्व अजब-गजब किस्म की
Read moreये सब नकली हैं, किसी खुदग़र्ज़ की खुदग़र्ज़ी ने इन्हें बनाये हैं, इसे अमृत वर्षा समझ कर आप जो इसमें
Read moreवीरान हवेली की दो महीने में शूटिंग पूरी हो गई। अगले छह महीनों में एडिटिंग भी पूरी हो गई। फिल्म
Read moreDon noun: don; plural noun: dons; noun: Don BRITISH a university teacher, especially a senior member of a college at
Read moreहाईवे पर पहुंचने के बाद संजय ने मुस्कुरा कर आगे बैठे टोनी पर नजर डाली, “क्या हाल है रौनक भाई…
Read moreरज्जू भैया से आज फिर राजा भाई की बातें चल रही है। मुद्दा है वही कि कौन चुनाव जीतेगा –
Read moreदेव कुमार अब डायरेक्टर हो गया। रहा वही मीठा और चीठा। सारे जहान को सेट पर बुला-बुला कर दिखाने लगा
Read more“मंझा सूंतने से क्या मतलब…” “मंझा किस काम का… निठल्लों का काम है पतंग उड़ाना… जब-तब मंझा उनके ही हाथ
Read more“हो रे बाबा, ये पटकन।” बाबू भाई ने शांत भाव से दांत कुरेदते हुए फोन रखा। कुर्सी से उठ कर
Read moreलॉकडाऊन की बातें याद बनकर रह जाएंगीएक समय के बाद ये कहानियां बन जाएंगी कभी भी खाना और कभी भी
Read more“कोई काम हो तो दीजिए…” बाबू भाई ने मरी आवाज में कहा। “क्या कर सकते हैं…” गुप्ताजी सीधे मुद्दे पर
Read moreरस्ते भर रो–रोकर पूछा हमसे पांव के छालों ने बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल में बसने वालों ने यह
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