खेल खल्लास: दिलीप कुलकर्णी उर्फ डीके भाई : आतंक का दूसरा नाम डीके

मुंबई अंडरवर्ल्ड में डीके नाम आतंक का पर्याय था। गवली गिरोह का सबसे विश्वस्त सिपहसालार खतरनाक नाम है। डीके भाई के खिलाफ हफ्तावसूली के 125 व हत्या के 4 मामले दर्ज हुए थे।

डीके के नाम कुछ ही मामले दर्ज हुए हैं। हजारों मामले लोगों ने डर के मारे दर्ज ही नहीं किए। न जाने कितने करोड़ों रुपए डीके के नाम पर उगाहे गए। न जाने कितने लोग डीके के नाम पर मारे गए। किसी के पास सही गिनती नहीं है। कैसा था डीके, कैसी थी उसकी कहानी, जानने के लिए न जाने कितनों ने कोशिश की, कोई कामयाब न रहा।

 

सदा मामा, गणेश भोंसले वकील, बंड्या मामा जैसे गवली गिरोह के सिपहसालार व सेनापति की मुठभेड़ों में मौत के बाद ऊपरी स्तर की जगहें खाली होने पर डीके गिरोह में ऊपर आया। कैसे, यह भी अपने आप में बड़ी शानदार कहानी है।

 

मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार का डीके, दगड़ी चाल के करीब रहता था। अंधियारे संसार में उसका गुरु आबाजी शेंती उर्फ माली था। डीके 1988 में रक्त के दलदल में आया तो तूफान की तरह छा गया।

 

डीके मुठभेड़ में मारा गया। आतंक का एक और अध्याय खत्म हुआ। दगड़ी चाल में मातम छा गया लेकिन बाहर बहुतों ने खुशियां मनाईं। यही होता है जब इक काला प्रेत खुद शिकार बनता है। पूरी कहानी के लिए पढ़ें – खेल खल्लास

Leave a Reply

%d bloggers like this:
Web Design BangladeshBangladesh Online Market