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आईएम नेपाल सरगना खुर्शीद अंसारी की हत्या में भारतीय गिरोहबाजों के हाथ की जांच

विवेक अग्रवाल

मुंबई, 22 सितंबर 2018।

नेपाल में एक बार फिर भारतीय अपराधियों ने खुफिया एजंसियों का काम आसान किया। इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के नेपाल सरगना खुर्शीद अंसारी को दो बाईक पर पहुंचे चार सुपारी हत्यारों ने 20 सितंबर की सुबह लगभग 11 बजे गोलियों से भून कर रख दिया। इस हत्याकांड में भारतीय गिरोहबाजों के हाथ की जांच भी नेपाल पुलिस कर रही है। जहां हमला हुआ है, वह जगह भारतीय सीमा से बमुश्किल 10 किलोमीटर है।

 

चार गोली – एक जान

दो मोटरसाईकिलों पर सवार चार हमलावरों ने सुनसराई जिले के राममनगर भूताहा इलाके के हरीनदर ग्रामीन नगरपालिका 2 क्षेत्र में गोलीबारी कीं। उनका निशाना मौलाना खुर्शीद मिंया अंसारी उर्फ खुर्शीद आलम था। वह स्थानीय रैयान बोर्डिंग स्कूल का प्राचार्य था। अंसारी नेशनल बोर्डिंग स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का सदस्य भी था।

 

51 वर्षीय अंसारी अपने साथी अमीन अंसारी के बाइक पर जा रहा था। उसी समय करीब आए बाइक सवारों में से एक ने चलते-चलते ही उसका नाम पूछा। अंसारी के हां कहते ही एक के बाद एक गोलियां चलानी शुरू कर दीं।

 

चश्मदीद बताते हैं कि हमलावरों ने जिस तरह सिर्फ अंसारी पर गोलियां चलाईं, वे जिस तरह आपस में कोड भाषा में बात कर रहे थे, वे जिस तरह काम पूरा होते ही भाग निकले, उससे जाहिर है कि पेशेवर कातिल हैं।

 

सुनसराई जिले के मुख्य जिला अधिकारी (सीओडी) प्रेम प्रकाश उपरेती भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मीडिया को बताया कि बाईक पर पीछे बैठे हमलावर ने खुर्शीद पर करीब से चार गोलियां दागीं। सुबह 11.30 बजे हुए इस हमले में गोलियां सीधे खुर्शीद के सिर में जा धंसीं और वह मौके पर ही मारा गया। पता चला है कि हमलावरों की भारतीय नंबरप्लेट वाली मोटरसाईकिल थीं।

 

पुलिस जवान घायल

इस हमले में एक पुलिसकर्मी शिवलाल पौडेल को भी गोलियां मारीं, जब वह हमलावरों को भारतीय सीमा में वापस जाने से रोकने की कोशिश कर रहा था। उनकी दाईं जांघ, सीने और पीठ पर गोलियां लगी हैं।

पता चला है कि शिवलाल ने भी हमलावरों पर गोलियां दागी थीं लेकिन वे घायल हुए या नहीं, पता नहीं चल पाया है। शिवलाल को इलाज के लिए धरन के स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया है, जहां उनकी हालत खतरे के बाहर बताई है।

 

हमले से पसरा खौफ

इस हत्याकांड से इलाके में गहरा रोष छा गया। कुछ लोगों ने इसके खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे पुलिस को अंसारी का शव छूने भी नहीं देंगे, जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते हैं। इसके कारण न केवल इलाके में गहन तनाव छा गया बल्कि तमाम रास्ते जाम हो गए। आंदोलनकारियों ने सड़कों पर पुराने टायर जमा कर आग लगा दी।

 

नेपाली अधिकारियों ने नेपाल सीमा पर घुस्की बाजार चेक पोस्ट के आसपास के इलाके में जितनी भी भारतीय नंबर प्लेट वाली मोटरसाईकिल हैं, सबकी जांच के आदेश जारी किए हैं।

 

नेपाल पुलिस का कहना है कि भारत से नेपाल जाने के बीच 3 सुरक्षा चौकियां आती हैं लेकिन इन हमलावरों को किसी ने न तो रोका, न ही उनकी कहीं तलाशी हुई होगी। यही कारण है कि वे बेरोकटोक आराम से आए, हत्या की और गायब हो गए।

 

आतंकियों का सरगना

2008 में बाटला मुठभेड़ के फरार आरोपी शहजाद, जिसने इं. मोहन चंद शर्मा पर गोली चलाई थी, ने पूछताछ में खुर्शीद अंसारी का नाम बताया था।

भारतीय पुलिस का कहना है कि इंडियन मुजाहिदीन के सहयोगी और आतंकी खुर्शीद अंसारी भारत से फरार आरोपियों को नेपाल में शरण देता रहा है। अधिकारियों का दावा है कि अंसारी फरार आतंकियों को न केवल अपने स्कूल में नौकरियां देता रहा है बल्कि उन्हें नेपाली नागरिकता दिलवा कर नेपाली पासपोर्ट के जरिए विश्व के अन्य देशों में भेजने की व्यवस्था भी करवाता रहा है।

 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन के खतरनाक आतंकी अब्दुल सुभान कुरेशी उर्फ तौकीर के साथ आरिज खान उर्फ जुनैद की गिरफ्तारी जनवरी 2018 में हुई थी। इनसे पूछताछ में भी खुर्शीद आलम का नाम सामने आया था।

 

एक स्थानीय सूत्र का कहना है कि अंसारी दावते-इस्लाम और नेपाल मुस्लिम सोसायटी का उपाध्यक्ष भी था। वह नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी का सदस्य भी था। पार्टी ने इस हत्याकांड की भर्त्सना की है।

 

मुबंई एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक अंसारी का नाम वाराणसी, जयपुर, गोरखपुर, फैजाबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, दिल्ली के बम धमाकों में भी आता रहा है। इन बमकांडों में शामिल रहे आतंकियों डॉक्टर शाहनवाज, बड़ा साजिद, सलमान शेख, मोहम्मद खालिद, अबू राशिद को भी नेपाल में अंसारी ने शरण दी थी। इस अधिकारी का दावा है कि इन आतंकियों को नेपाली नागरिकता दिलवाने के साथ ही सुनसारी जिले से 2009 में सबके पासपोर्ट बनवाए। ये आतंकी नेपाल से अल अरबिया की उड़ान से फरार हो गए थे।

 

जाली करंसी के खेल में

खुफिया अधिकारी बताते हैं कि नेपाली नागरिक अंसारी के संबंध पाकिस्तान के आतंकी गिरोहों से भी हैं। वह पाक खुफिया एजंसी आईएसआई के साथ सीधे संपर्क रखने वाले और पाकिस्तान में छुपे इंडियन मुजाहिदीन आकाओं के जरिए करोड़ों की नकली भारतीय करंसी की तस्करी और खपाने का काम करवा चुका है।

 

ये नकली करंसी पाकिस्तान में छपती है। भारत में बजरिए नेपाल आती है। इसके चलते ही अंसारी पर लंबे समय से भारतीय खुफिया एजंसियों की नजर बनी हुई थी।

 

जांच जारी

हमले के बाद में पूरे इलाके में गहन जांच और सीमाओं की घेराबंदी कर दी है। इस मामले में नेपाल के सीमांत जीले से एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) और हथियारबंद पुलिस बल (एपीएफ) नेपाल के पुलिस अधीक्षक ने भारतीय सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी के अधिकारियों से उच्चस्तरीय बैठक भी की है।

 

नेपाल पुलिस ने अभी तक अंसारी हत्याकांड की वजह का खुलासा नहीं किया है लेकिन कतिपय सूत्रों का कहना है कि यह आतंकियों को चुन-चुन कर खत्म करने की भारतीय खुफिया एजंसियों के अभियान का एक हिस्सा हो सकता है।

 

क्या स्थानीय है अंसारी हत्याकांड की जड़ें

अंसारी के सहयोगियों का मानना है कि इस हत्याकांड के पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है। वे मानते हैं कि अंसारी का प्रभाव इस इलाके में तेजी से बढ़ रहा था। इसके चलते भी उसकी हत्या हो सकती है। हत्या के लिए भारतीय अपराधियों को जानबूझ कर सुपारी दी होगी ताकी संदेह की सुई भारतीय खुफिया एजंसियों की तरफ चली जाए।

 

सभी तस्वीरें साभार: http://www.whatsinthenews.in

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